बड़े खुदगर्ज हैं बड़े शहरों के रस्ते ,
इज्जत बचाते हमने छोटी गलियों को देखा हैं
बड़ा नाम इन शहरों का ,
छोटी गलियों में छिपते हमने देखा हैं
गली गली में बस रहे थे, कई हिरे अनेक ,
अंधेरिसी गलियो में चमकते हमने देखा हैं ,
ये मेरी चाह थी ललकारु उन शहरों को
जिनसे हमारी ख्वाइशे टुटते हमने देखा हैं ,
बड़े खुदगर्ज हैं बड़े शहरों के रस्ते ,
इज्जत बचाते हमने छोटी गलियों को देखा हैं